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कुंडली से जानें कब होगा भाग्योदय ?

11/30/2014

31 Comments

 
प्रत्येक मनुष्य ही इच्छा होती है कि वह सभी भौतिक सुख सुविधाएँ प्राप्त करें| जब इनकी इच्छित भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्त होने लगती है तो इसी स्थिति को जयोतिष की भाषा में भाग्योदय कहते हैं| दूसरे शब्दों में जब व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार इच्छाओं को पूर्ण करने में सक्षम हो सके वह समय उसके भाग्योदय का होता है| भाग्योदय का यह अर्थ नहीं है कि हम वह सब कुछ प्राप्त कर लेंगे जो हम प्राप्त करना चाहते हैं| मनुष्य की अभिलाषाएं असीमित होती है मनुष्य वह सब कुछ भी पा लेना चाहता है जिसके की वह योग्य नहीं है या जो उसकी क्षमता से बाहर है| एक भिखारी अपनी तुलना किसी नगरसेठ से करना चाहे तो ऐसा कभी नहीं होगा| न ही ऐसी किसी स्थिति को भाग्योदय से जोड़ना ही चाहिए| भिखारी की जैसी योग्यता, क्षमता और विशेष रूप से जैसी उसकी पृष्ठभूमि है उसको प्राप्तियां भी उसी के अनुपात में होगी| अपवाद स्वरूप कुछ भी संभव है|
भाग्य और जातक की क्षमता
भाग्योदय के समय और स्थिति का आकलन करने से पूर्व आपको यह तय कर लेना चाहिए की आपकी वास्तविक क्षमताएं और योग्यताएं क्या हैं|आप जितना कुछ प्राप्त कर सकते हैं| आपकी सोच आपकी क्षमता से प्रभावित होनी चाहिए| यदि आप अपनी वास्तविक स्थिति को नहीं समझेंगे तो जीवन भर असंतुष्ट ही बने रहेंगे| आपको हमेशा यह महसूस होगा कि आप दुर्भाग्यका ही सामना कर रहे हैं| फलित ज्योतिष कोई व्यक्तित्व विकास की कक्षा नहीं है| जिसमे कि आपको बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाए| इसमें केवल वास्तविक स्थिति ही मायने रखती है| आप भविष्य जितना कुछ कर पायेंगे, यह आपके वर्तमान से ही तय होगा| बातों और प्रोत्साहन का कोई महत्त्व नहीं है|

भाग्य से संबंधित भाव-आचार्यों ने नवम भाव को भाग्य का नाम दिया| नवम और नवमेश की शुभाशुभ स्थिति से भाग्य निर्णय होता है| नवम में जैसी राशि और ग्रह होते हैं, उसी के अनुपात में व्यक्ति का भाग्य होता है| इसके अलावा चन्द्र लग्न से भी नवम भाव देखना चाहिए| नवम अर्थात् पंचम भी भाग्य का प्रतिनिधित्व करता है| लेकिन मूल रूप से भाग्य 
जानने के लिए नवम की स्थिति ही विचारणीय है|

प्रायः अनुभव में आता है कि नवमेश यदि निर्बल हो तो प्रायः भाग्योदय देरी से होता है या फिर पर्याप्त सफलताएँ नहीं मिलती है|भाग्योदय किस क्षेत्र में होगा-कार्य क्षेत्रों में क्रांति के कारण आज आजीविका के कार्यों का वर्णन करना संभव नहीं रह गया है| कुछ सौ वर्षों पहले तक हमारे कार्य के क्षेत्र सीमित थे|आज के विशेषज्ञता के युग के कारण एक ही प्रकृति के काम को अनेक लोग मिलकर सम्पन्न करते हैं| यद्यपि इसके कारण कार्य की गुणवत्ता में पर्याप्त वृद्धि होती है| एक उदाहरण देखें| जब कोई फिल्म निर्माता किसी फीचर फिल्म के निर्माण के सम्बन्ध में विचार करता है तो सर्वप्रथम उसे कहानी का विचार (कांसेप्ट) चाहिए| विचार के चयन के बाद उस विचार को कथाकार के रूप में ढालता है फिर इसकी पटकथा लिखी जाती है|

इन सबके बाद संवाद लिखे जाते हैं| आश्चर्य है कि यहाँ तक के कार्य को चार व्यक्ति सम्पन्न करते हैं| एक जमाना था जब यह कार्य एक या दो ही व्यक्ति कर दिया करते थे|यही स्थिति दुसरे सभी क्षेत्रों में है| इसके फलस्वरूप आजीविका के स्रोत का वर्गीकरण करना इतना आसान नहीं रह गया है| इसके बावजूद मैं यहाँ आजीविका की साधनों को दो प्रमुख वर्गों में बाँट रहा हूँ| पहले वर्ग में है स्वतंत्र कार्य करने का और दुसरे वर्ग में है पराधीन रहकर कार्य करने वाले| स्वतंत्र कार्य करने वाले दुसरे वर्ग में वे लोग जो कि अपना नीजी व्यवसाय करते हैं| दूसरा वर्ग निजी और सरकारी क्षेत्र में नौकरी करने वालों का है| जब षष्ट भाव और षष्ठेश बलवान हो तो जातक नौकरी करता है| इसके विपरीत दशम और दशमेश बलवान होने पर स्वयं का व्यवसाय होता है| भाग्योदय का क्षेत्र निर्धारण करने के लिए दो भावों का आकलन करना आवश्यक है| प्रायः विद्वानों ने दशम भाव से आजिवीका को देखने के निर्देश दिए हैं| दशम भाव में पड़ी राशि और ग्रहों के आधार पर आजीविका के साधनों का आकलन किया जा सकता है| यह एक स्थूल आकलन है| इसके आधार पर साधारणतया आजीविका की स्थूल प्रकृति को जाना जा सकता है|

जैसे दशम में शनि की राशि होने पर व्यक्ति शनि से संबंधित कार्य करेगा जैसे- लोहे, लकड़ी खनिज पदार्थों का खनन, पेट्रोलियम और उससे संबंधित पदार्थ और काले रंग के खाद्य पदार्थ| इसी प्रकार बुध की राशि होने पर व्यक्ति प्रकाशन, खुदरा, विक्रेता, लेखन आदि से संबंधित कार्य करेगा|

उपरोक्त पद्धति से राशि के आधार पर केवल स्थूल आकलन ही प्राप्त किये जा सकते हैं| किसी के व्यवसाय का शुक्ष्म आकलन करने के लिए सूर्य से दशम का सहारा भी लिया जाना चाहिए| अनुभव में यह सटीक सिद्ध होता है| सूर्य से दशमेश की व्यवसाय चयन में भूमिका का यह अच्छा उदाहरण है| दशम स्थान में उच्च का सूर्य है और औरी से दशम में शनि की मकर राशि पड़ी है|

शास्त्रों में सूर्य के दशम में पड़ी राशि और उसके स्वामी ग्रह की प्रकृति के अनुसार व्यवसाय का निर्णय करने की अनुशंसा की गई है जातक तकनीकी कार्यों के सरकारी ठेके लेता है| चतुर्थ और दशम, दोनों केन्द्रों में उच्चस्थ ग्रह हैं, जो जातक को धरातल से ऊपर उठाने में सहयोग करते हैं| पारिवारिक पृष्ठभूमि की तुलना में जातक बहुत अच्छी प्रगति की है| पंचम चन्द्रमा की उपस्थिति संतान सम्बन्धी चिंताओं को व्यक्त करती है|

भाग्योदय का समय निर्धारण- नवम भाव को चूँकि भाग्य का स्थान माना गया है इसलिए भाग्योदय के वर्ष को निर्धारित करने के लिए सर्वप्रथम भाग्य स्थान के स्वामी अर्थात नवमेश से संबंधित वर्ष ही महत्वपूर्ण होता है| निम्नांकित सारिणी में नवमेश के अनुसार भाग्योदय से संबंधित वर्ष दर्शाए गए हैं|
नवमेश के अनुसार भाग्योदय का स्थूल वर्ष
ग्रह भाग्यस्थान में राशियाँ भाग्योदय का संभावित वर्ष
सूर्य सिंह २२ वां वर्ष
चन्द्रमा कर्क २५ वां वर्ष
मंगल मेष या वृश्चिक २८ वां वर्ष
बुध मिथुन या कन्या ३२ वां वर्ष
गुरु धनु या मीन १८ वां वर्ष
शुक्र वृष या तुला २४ वां वर्ष
शनि मकर या कुम्भ ३६ वां वर्ष
राहू मकर या कुम्भ ४२ वां वर्ष
उपरोक्त सारिणी में जो वर्ष बताये गए हैं वह स्थूल आकलन है| दुसरे योगों की पुष्टि के लिए इनका उपयोग ग्राह्य है नीचे कुछ सूत्र दिए गए हैं, जिनके आधार पर पाठकों को भाग्योदय के वर्ष तय करने में आसानी होगी|

(१) भाग्य स्थान में जब शुभ ग्रह पड़े हो तो शीघ्र भाग्योदय होता है| पाप या क्रूर ग्रह होने पर भाग्योदय में विलंब होता है| 
(२) प्रायः अनुभव में आता है कि भाग्येश जब अष्टमस्थ हो तो भाग्योदय में अड़चने आती है|
(३) चन्द्रमा से द्वितीय और द्वादश में पाप ग्रह हो, चन्द्रमा से केंद्र में कोई अशुभ ग्रह न हो और नहीं चन्द्रमा पर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो व्यक्ति प्रौढ़ावस्था तक संघर्षशील 
रहता है| 
(४) केन्द्रों (१,४,७,१०) में शुभ ग्रहों का होना भाग्योदय में सहायक होता है| कुछ मामलों में केन्द्रों के शुभ ग्रहों से हीन होने पर भाग्योदय में विलंब होता है, इसके विपरीत पाप ग्रह यदि केन्द्रों के स्वामी हो तो शुभ होते हैं| 
(५) गोचर ग्रहों की भाग्योदय में अच्छी भूमिका होती है| गोचर ग्रहों का फलों को आयु के १८ वें वर्ष के बाद फलित करना चाहिए शनि की भूमिका हमेशा निर्णायक होती है|  
आयु के १८ वें वर्ष के उपरांत जब शनि लग्न या चन्द्रमा से तृतीय, नवम दशम या एकादश में विचरण करें तो भाग्योदय करता है| 
(६) नवमेश जब उच्चस्थ स्वगृही या मित्रक्षेत्री होकर दशम में पड़े तो युवावस्था में भाग्योदय होता है| यह एक राजयोग भी है| दशम भाव में उच्च का सूर्य भी शीघ्र भाग्योदय करता है|
~ पंडित सुनील त्रिपाठी
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31 Comments
mohar say
8/16/2016 06:48:53 pm

3!7!82 dob hai .bhagyody.kab hoga.

Reply
Rajendra
12/7/2016 10:26:08 am

Mera bhagyoday kab,hogo? hoga ya nahi hoga? birthdate-- 10/05/1975; time-- 03/16: am, kolhapur, maharashtra,

Reply
Seema kumari
2/23/2017 03:35:46 am

Mera bhagya uday kab hoga janm tithi 7/2/1977begusarai nursemaid sarkari job Karna chahti hi hoga kids nahi

Reply
Apeksha muthal
3/2/2017 11:11:36 pm

मुझे नौकरी कब मिलेगी

Reply
DAMAN SHARMA
3/21/2017 08:59:41 am

Pranam Panditji. Mera bhagay uday kab hoga, bohot pareshan hun.
Name: DAMAN SHARMA, D.O.B. 08/12/1986, Time: 10:45 AM
Place: Kotla Panjola, Tehsil- Pachhad, Distt- Sirmour, State- Himachal Pradesh, Country India.

Reply
Bundel vishwakarma
4/25/2017 01:45:48 pm

Pranam Panditji mera bhagay uday kab Ho ga Paisa Nahi rukta rog mukt kab paunga ho d o b 15.06.1980

Reply
रोहतास
5/22/2017 10:31:29 pm

भविष्य(नोकरी ) के बारे में जानकारी चाहिये
DOB 28/12/83 -
सुबह करीब 9 बजे

Reply
Rakesh
5/24/2017 04:37:07 am

Ham kish disabled se a aage jayege dob 29.8.1983 .night 11

Reply
vinay
6/29/2017 06:23:42 am

मेरा जन्मदिन 27-02-1983 हैं ,मुझे किस क्षेत्र में कार्य करने पर अच्छी सफलता मिल सकती हैं? मेरा भाग्योदय कब होगा।

Reply
debabrathasahu
7/7/2017 03:49:31 pm

my D.O.B is 14/11/1975 at kotpad home i want to know my rasi as well as fortune.

Reply
Ravi prakash
9/12/2017 11:25:14 pm

Meri sarkari nokari kab tak lagegi 14/08/1988 Tm 11.10 Am Delhi

Reply
Ganga ram
10/7/2017 09:20:38 am

Meri DOB 19-06-1974 hai ratri 10 baje hai bbk up meri naukri chut gyi hai ab mere bhagya ka kya hoga

Reply
Anita
11/13/2017 11:47:38 pm

Muge putra papti kab hogi.date 18/10/1986 time 11:40 am Surat in Gujarat

Reply
Rajni sharma
11/20/2017 09:27:58 am

Mera bhagya udya kab hoga

Reply
Ashok Kumar giri
11/26/2017 07:43:22 am

DOB _10/11/1980, BIrth time:9AM, mera bhagya uday kab hoga , my birth place bokaro steel city ,jharkhand

Reply
Dheeraj
11/27/2017 05:16:18 am

DOB: 13-01-1983
TOB: 15:50:00 PM
POB: Ludhiana, Punjab, India

mera bhagya uday kab hoga, rozgaar bhi nahi chal raha h, bahut pareshaan hu. kripya madad kare...

Reply
रौशन. Pandey
12/6/2017 02:45:28 pm

Naukri. Kab. Milegi

Reply
dipika vijaybhai patel
12/6/2017 10:19:27 pm

mera bhagya uday kab hoga. Tab tak mai kya upay karu. Janm date 01-04-1985 or time 07:20 AM

Reply
Rajni Bhargava link
12/15/2017 01:45:33 am

Mera bhagyauday kab hoga

Reply
Sarika kusale
12/27/2017 04:21:38 am

Muze govment job kab lagega aur shadi kis ladkesat aur kab hongi

Reply
gajendra singh rathore link
1/5/2018 09:51:40 am

Bahut acchhi jankari di hai pandit ji ne
Thanks guru ji

Reply
shrikant kale
1/5/2018 06:37:08 pm

dob 2 nd march 1990
timing 2:30 am
place - saswad,pune,maharashtra
when will be my fortune ?
job ?

Reply
Parwati
1/25/2018 04:26:45 am

Meri shadi kb tk hogi.or gov job kb lgegi. Shadi k yog h ya nhi.19-jan-1986 , 12:44 am ,jhalawar raj)

Reply
sudeshkumar link
2/18/2018 12:10:17 am

25/2/1981 mera bahvashy

Reply
Lokesh kumar
2/23/2018 05:30:50 am

Sir MERA name Lokesh kumar h
D.o.b 08/02/1996
Time 9:12 AM
Place Hetalpur (UP )
Please sir btaya meri job kb lagegi

Reply
Manish mandawat
3/7/2018 03:56:06 am

Dob - 23|/01/1985
Time -11.14 am
Kota rakasthan

Reply
राहुल सिंह
3/13/2018 06:25:52 am

मेरे भाग्य में क्या लिखा है

Reply
sonal tamrakar
3/24/2018 04:10:22 am

mera janma tithi 25/12/84 hai mera bhagy udey kab hoga

Reply
Manish kumar
4/6/2018 07:36:15 am

Nokari kab tak lagegi manish kumar agra se

Reply
dhirendra goswami
4/19/2018 02:04:11 am

mera dete of birth hai 6/2/1986
bagyoday kab tak aur kya karna chahiye

Reply
dhirendra goswami
4/19/2018 02:01:49 am

muje naukari kab tak milegi

Reply



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